कौशांबी: जल्द आयेगी “साईं धाम के अविस्मरणीय पल” नामक पुस्तक लेखक अक्षित द्विवेदी उर्फ़ देवांश दत्त द्विवेदी ने दी जानकारी, पुस्तक साईं मंदिर, साईं धाम के ऊपर लिखित।

साईं धाम के अविस्मरणीय पल के लेखक अक्षित द्विवेदी उर्फ़ देवांश दत्त द्विवेदी ने बताया कि पुस्तक में साई धाम की महिमा और चमत्कार का वर्णन किया गया है। साई धाम के अविस्मरणीय पल के माध्यम से सभी साई भक्तों तक साई बाबा के चमत्कारों एवं भक्तों के साथ हुए अनुभवों को इस पुस्तक में बताया गया है, इस पुस्तक में साई महोत्सव का वर्णन है, जो साई मंदिर की वार्षिक उत्सव के रूप में हर वर्ष 6 और 7 दिसंबर को मनाया जाता है। साई महोत्सव में साई भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विशाल भंडारा का आयोजन होता है। पुस्तक में इंटरनेशनल साई सेवा ट्रस्ट के विषय में भी चर्चा की गई है, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती सुशीला द्विवेदी जी हैं एवं साई मंदिर की स्थापना के विषय में पूर्णता जानकारी भी इस पुस्तक में दी गई है, साई मंदिर के संस्थापक श्री कृष्ण दत्त द्विवेदी जी है। साई मंदिर में हुए चमत्कारों एवं मंदिर में होने वाली दैनिक दिनचर्या का भी विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।

साईं मंदिर मंझनपुर में आज गुरुवार को हुई विशेष पूजा अर्चना, जिला न्यायालय कौशांबी के पास साईं धाम मंझनपुर कौशांबी में स्थित सुप्रसिद्ध साईं मंदिर की स्वयं खासियत और महत्व है। साईं बाबा के मंदिर में सत्यनारायण व्रत कथा एवं हवन प्रत्येक गुरुवार के दिन होता है और विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साईं मंदिर में ठंड के पहलें, साईं भजन संध्या का आयोजन किया जाता था परंतु ठंड को देखते हुए साईं धाम के संस्थापक केडी द्विवेदी ने थोड़े दिनों के लिए रोक दिया है। साईं मंदिर में गुरूवार के दिन बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, साईं बाबा के इस मंदिर का अपना ही एक महत्व है साईं बाबा के मंदिर की स्थापना सन् 2011 में अधिवक्ता केडी द्विवेदी और अधिवक्ता सुशीला द्विवेदी द्वारा की गई है।

गुरूवार के दिन जो श्रध्दालु साईं बाबा का साईं व्रत करते हैं वो मंदिर परिसर में आकर साईं बाबा की विशेष रूप से पुजा अर्चना करते हैं और जिन भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है वो अपने व्रत का उद्यापन करते हैं।